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CM YOGI ADITYA NATH: उत्तर प्रदेश में अवैध बूचड़खानों पर बड़ा फैसला: धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में बंद होंगी मांस की दुकानें

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने अवैध बूचड़खानों पर कड़ा रुख अपनाते हुए धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में सख्त निर्देश जारी करते हुए सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों और नगर आयुक्तों को तत्काल कार्रवाई करने को कहा है।


कैबिनेट का बड़ा निर्णय

उत्तर प्रदेश नगर निगम अधिनियम 1959, खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2006 और 2011 के प्रावधानों के तहत अवैध पशु वध को रोकने और धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने के उद्देश्य से यह फैसला लिया गया है। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के दिन पूरे प्रदेश में पशु वध और मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।


2014 और 2017 के आदेशों की पुनर्बहाली

सरकार ने पहले भी इस तरह के आदेश जारी किए थे, लेकिन अब इनकी सख्ती से पुनर्बहाली की जा रही है। 2014 और 2017 में जारी आदेशों का हवाला देते हुए सरकार ने साफ कर दिया है कि अवैध बूचड़खानों और धार्मिक स्थलों के आसपास मांस की बिक्री पूरी तरह से बंद रहेगी।


कार्रवाई की रूपरेखा

जिलाधिकारियों की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समितियों का गठन किया गया है।

इन समितियों में पुलिस, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पशुपालन विभाग, परिवहन विभाग, श्रम विभाग, स्वास्थ्य विभाग और खाद्य सुरक्षा प्रशासन के अधिकारी शामिल होंगे।

किसी भी धार्मिक स्थल के 500 मीटर के दायरे में मांस की बिक्री पर रोक होगी।

उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।



राम नवमी पर विशेष निगरानी

6 अप्रैल 2025 को राम नवमी के अवसर पर मांस की दुकानों और बूचड़खानों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। इस दौरान प्रदेश भर में पशु वध और मांस की बिक्री पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। यदि कोई इसका उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।


सरकार का उद्देश्य

योगी सरकार का मानना है कि यह कदम धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आवश्यक है। साथ ही, सरकार नवरात्रि के दौरान 24 घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति और प्रमुख मंदिरों में श्रद्धालुओं के लिए विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराने पर भी जोर दे रही है।


इस फैसले को लेकर विभिन्न सामाजिक और व्यापारिक वर्गों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।