न्यूज डेस्क: गोरखपुर में एक महिला सिपाही को अपने ट्रांसफर के लिए गलत तरीका अपनाना भारी पड़ गया। सिपाही ने गोरखपुर से महाराजगंज ट्रांसफर के लिए एक परिचित व्यक्ति से डीआईजी को फोन करवाया। इस व्यक्ति ने खुद को एक राष्ट्रीय राजनीतिक दल का पदाधिकारी बताया, लेकिन डीआईजी को शक हुआ और जब जांच हुई तो सच्चाई सामने आ गई।
कैसे खुली पोल?
डीआईजी को फोन आने के बाद उन्होंने इसकी जानकारी गोरखपुर के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर को दी। एसएसपी के आदेश पर जब फोन करने वाले व्यक्ति की जांच हुई तो पता चला कि वह किसी भी राजनीतिक दल से जुड़ा नहीं है, बल्कि महिला सिपाही का परिचित मात्र है। यह स्पष्ट होते ही एसएसपी ने महिला सिपाही को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया और विभागीय जांच के आदेश भी दे दिए।
महिला सिपाही के दांव पड़े उल्टे
महिला सिपाही गोरखपुर पुलिस लाइन में तैनात थी और वह महाराजगंज में ट्रांसफर चाहती थी, लेकिन जब ट्रांसफर नहीं हुआ तो उसने यह तरीका अपनाया। हालांकि, यह चाल उल्टी पड़ गई और अब वह न सिर्फ निलंबित हो गई, बल्कि उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू हो गई है।
माफी मांगने के बाद भी नहीं मिली राहत
महिला सिपाही की सच्चाई सामने आने के बाद वह अपनी गलती स्वीकार कर माफी मांग रही है, लेकिन विभाग इस मामले को गंभीर मानते हुए उसे किसी भी तरह की राहत देने के मूड में नहीं है। अधिकारी इसे अनुशासनहीनता और कदाचार मान रहे हैं, जिससे उसके करियर पर भी असर पड़ सकता है।