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DSP श्रेष्ठा ठाकुर और पति रोहित सिंह के तलाक विवाद में नया मोड़, पति ने लगाए गंभीर आरोप – साजिश, दहेज, धोखा और अवैध संबंधों का किया जिक्र!

न्यूज डेस्क: उत्तर प्रदेश की तेजतर्रार महिला पुलिस अधिकारी और 'लेडी सिंघम' के नाम से मशहूर डिप्टी एसपी श्रेष्ठा ठाकुर और उनके पति रोहित सिंह के तलाक के मामले में नया मोड़ आ गया है। रोहित सिंह ने मीडिया के सामने आकर अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। बिहार के आरा निवासी रोहित सिंह ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रिश्ते की शुरुआत से लेकर अब तक की पूरी कहानी विस्तार से बताई।


शुरुआत सोशल मीडिया से, शादी मंदिर में और फिर धूमधाम से

रोहित सिंह के मुताबिक, उनकी और श्रेष्ठा ठाकुर की पहली मुलाकात एक दोस्त के माध्यम से सोशल मीडिया पर हुई थी। 8 अगस्त 2017 को श्रेष्ठा ने रोहित को लखनऊ बुलाया और दोनों की पहली डेट के बाद उसी रात साथ बिताई। अगले दिन हजरतगंज स्थित हनुमान मंदिर में श्रेष्ठा ने शादी का दबाव बनाकर उनसे विवाह कर लिया।


इसके बाद 16 जुलाई 2018 को दूसरी बार पटना में सगुना मोड़ स्थित किसान मैरिज हॉल में हिंदू रीति-रिवाज से परिवार की मौजूदगी में शादी की गई, ताकि सामाजिक प्रतिष्ठा बनी रहे।


श्रेष्ठा पर फर्जी आरोप लगाने का आरोप

रोहित सिंह ने बताया कि श्रेष्ठा ठाकुर ने उन पर फर्जी IRS अधिकारी होने और 2.5 करोड़ रुपये दहेज ऐंठने जैसे झूठे आरोप लगाए हैं। रोहित का कहना है कि अगर वह फर्जी अफसर होते तो श्रेष्ठा, जो खुद एक तेजतर्रार अधिकारी हैं, उनसे दो बार शादी नहीं करतीं।

रोहित ने कहा कि शादी के बाद वे दोनों नेपाल और पुरी (ओडिशा) घूमने भी गए थे, जिसका पूरा खर्च उन्होंने उठाया था।


ससुराल पक्ष और पारिवारिक रिश्तों पर आरोप

रोहित सिंह ने अपने टूटते रिश्ते का जिम्मेदार सास (श्रेष्ठा की मां) को ठहराया है। उन्होंने बताया कि श्रेष्ठा के दोनों भाइयों की शादी भी बर्बाद हो चुकी है—एक की पत्नी 22 साल से साथ नहीं रहती, दूसरे की पत्नी भी पिछले 4 साल से अलग है।


रोहित ने दावा किया कि श्रेष्ठा की मां सभी रिश्तों में जहर घोलती हैं और परिवार में कोई रिश्ता टिक नहीं पाता।

बेटे से मिलने नहीं दे रहीं, मानसिक तनाव में जी रहा हूं: रोहित

रोहित सिंह का सबसे भावनात्मक आरोप यह था कि उन्हें अपने बेटे से मिलने नहीं दिया जा रहा। कोर्ट ने 2022 में विजिटिंग राइट्स दिए थे, फिर भी श्रेष्ठा 2021 से बेटे से मिलने नहीं दे रहीं। बेटा एक सिपाही के संरक्षण में रह रहा है।


रोहित ने कहा कि मानसिक रूप से वह बुरी तरह टूट चुके हैं, और उन्हें आत्महत्या तक का विचार आता है।


SHO सर्वेश पाल से संबंधों का आरोप

रोहित सिंह ने आरोप लगाया कि श्रेष्ठा ठाकुर के कौशांबी थाने के SHO सर्वेश पाल से पुराने अवैध संबंध हैं। लखीमपुर खीरी में पोस्टिंग के दौरान दोनों एक ही टीम में थे और साथ रहते थे। 8 फरवरी 2024 को सर्वेश पाल करीब 25 पुलिसकर्मियों के साथ श्रेष्ठा के साथ उनके घर आया और उन्हें जबरन थाने ले गया।


रोहित ने आरोप लगाया कि वहां उनसे मोबाइल जबरन लेकर सारे सबूत मिटा दिए गए, हालांकि उन्होंने कोर्ट में पेश करने के लिए सबूतों की एक कॉपी सुरक्षित रखी है।


कानूनी लड़ाई और अपील

रोहित ने गाजियाबाद कोर्ट में श्रेष्ठा ठाकुर, उनके भाई मनीष प्रताप सिंह, SHO सर्वेश पाल और डीसीपी समेत अन्य के खिलाफ 156(3) के तहत केस दर्ज कराया है। मामला फिलहाल कोर्ट में लंबित है और अगली सुनवाई 7 अप्रैल 2025 को होनी है।


उन्होंने मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजीपी, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर और आईजी को पत्र और ईमेल भेजकर न्याय की गुहार भी लगाई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।


यह मामला सिर्फ एक दंपती के तलाक का नहीं, बल्कि सामाजिक, मानसिक, और संस्थागत स्तर पर कई सवाल उठाता है। अब निगाहें कोर्ट पर टिकी हैं, जो तय करेगा कि सच किसके पक्ष में है।


अगर आप चाहें तो मैं इस मामले से जुड़े कानूनी पहलुओं या मानसिक स्वास्थ्य दृष्टिकोण से भी एनालिसिस दे सकता हूँ।